प्रश्न-हाल ही में किस वाणिज्यिक स्टार्ट-अप द्वारा निर्मित ‘इलेक्ट्रॉन लघु सैटेलाइट बूस्टर’ ने सफलतापूर्वक न्यूजीलैंड से अपनी दूसरी परीक्षण उड़ान पूरा किया?
(a) रॉकेट लैब
(b) स्पेस लैब
(c) कॉमर्शियल रॉकेट्स
(d) स्पेस क्राफ्ट टेक्नोलॉजीस
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 20 जनवरी, 2018 को ‘रॉकेट लैब’ नामक एक ‘वाणिज्यिक स्टार्ट-अप’ ने न्यूजीलैंड स्थित अपने निजी लांच पैड से ‘इलेक्ट्रॉन लघु सैटेलाइट बूस्टर’ को सफलतापूर्वक लांच किया।
- यह इलेक्ट्रॉन लघु-सैटेलाइट बूस्टर’ या ‘इलेक्ट्रॉन रॉकेट’ की दूसरी परीक्षण उड़ान थी।
- जिसमें इसने कंपनी (रॉकेट लैब) के पहले कस्टमर पेलोड को कक्षा में स्थापित किया।
- ‘रॉकेट लैब’ इस परीक्षण उड़ान को दिसंबर में ही लांच करने वाला था परंतु विभिन्न मुद्दों (मुख्यतः मौसम) ने लांचिंग तिथि को आगे बढ़ा दिया।
- ध्यातव्य है कि ‘रॉकेट लैब’ 2018 में वाणिज्यिक परिचालन में प्रवेश करने हेतु कृत संकल्पित था।
- इस संदर्भ में हालिया परीक्षण उड़ान कंपनी के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
- ‘इलेक्ट्रॉन’ लगभग 500 एलबीएस (lbs) या 225 किलोग्राम पेलोड को साथ ले जाने में सक्षम है।
- यह क्षमता बड़े रॉकेटों की तुलना में बहुत कम है।
- जो हजारों से लेकर दसियों हजार पाउंड के पेलोड को ले जाने में सक्षम होते हैं।
- ‘इलेक्ट्रॉन’ का छोटा आकार ऐसे कस्टमरों के लिए उपयुक्त है जिनके पेलोड्स (नीतिभार) कम हैं।
- ध्यातव्य है कि ‘रॉकेट लैब’ ने ‘इलेक्ट्रॉन रॉकेट’ का पहला परीक्षण लांच पिछले वर्ष 25 मई को किया था।
- उस दिन इसका तीसरा चरण अपनी वांछित ऊंचाई तक पहुंचने में नाकाम रहा।
- यह असफलता बुनियादी उपकरण (Ground Equipment) से संबंधित थी।
- हालिया परीक्षण उड़ान में ‘इलेक्ट्रॉन रॉकेट’ ने ‘रॉकेट लैब’ के कस्टमरों के लिए तीन छोटे उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया।
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