ई-भुगतान प्रणाली

e-payment module

प्रश्न-अभी हाल ही में सीएएमपीए निधि में क्षतिपूर्ण लेवी भुगतान के लिए ई-भुगतान प्रणाली की शुरूवात का गयी जिसका मुख्य उद्देश्य है-
(a) भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाना
(b) भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना
(c) पर्यावरणीय सुरक्षा के तहत प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 27 अगस्त, 2015 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री प्रकाश जावेड़कर द्वारा सीएएमपीए निधि में क्षतिपूर्ति-लेवी भुगतान के लिए ई-भुगतान प्रणाली की शुरूवात की गयी।
  • इस भुगतान प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य वन्य भूमि प्रकृति बदलने के संदर्भ में देय क्षतिपूर्ति-लेवी की भुगतान प्रक्रिया में तेजी व पारदर्शिता लाना हैं।
  • इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सबके भले के लिए बिना पर्यावरणीय समझौता के प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
  • ई-पोर्टल के जरिए क्षतिपूर्ति-लेवी भुगतान 31 अगस्त, 2015 तक ही सक्रिय रहेगा।
  • गौरतलब है कि, 1 सितम्बर, 2015 से एजेंसियों द्वारा क्षतिपूर्ति-लेवी भुगतान केवल ई-भुगतान प्रणाली द्वारा ही स्वीकार किया जायेगा।
  • इसके तहत भुगतान नियत खाते में होगा, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि किस राज्य में वन्य भूमि बदलने का प्रस्ताव है।
  • इस पोर्टल के सक्रिय होने से अन्य माध्यम से भुगतान तभी होगा, जब सीएएमपीए ने विशेष आदेश जारी किया हो।
  • उल्लेखनीय है कि शुरूवात में भुगतान दो तरीकों से किया जा सकेगा आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिये ऑनलाइन चालान तथा ऑफलाइन चालान प्रणाली द्वारा।
  • सीएएमपीए का गठन 29/30 अक्टूबर, 2002 को माननीय र्स्वोच्च न्यायालय के आदेशों के आधार पर किया गया था।
  • गौरतलब है कि, अब तक सीएएमपीए-लेवी के संबंध में भुगतान रसीदों व कागजों के माध्यम से करता था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=39624