प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किस योजना के अंतर्गत जुड़े ऋणों के लिए एक ‘ऋण गारंटी कोष’ बनाने को मंजूरी प्रदान की?
(a) प्रधानमंत्री जन-धन योजना
(b) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
(c) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
(d) अटल पेंशन योजना
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 6 जनवरी, 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुद्रा (Micro Units Development Refinance Agency) से जुड़े ऋणों के लिए एक ‘ऋण गारंटी कोष’ बनाने को मंजूरी दी।
- इससे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत मंजूर किए गए ऋणों की गारंटी हेतु मुद्रा इकाईयों के लिए ऋण गारंटी कोष (CGFMU) की स्थापना होगी, जो 8 अप्रैल, 2015 से प्रभावी मानी जाएगी।
- इसका उद्देश्य बैंकों/गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/लघु वित्त संस्थानों व अन्य वित्तीय मध्यस्थों के ऋण जोखिमों को कम करना है।
- भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी ‘राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड’ इस कोष की ट्रस्टी होगी।
- यह गांरटी पोर्टफोलियो के आधार पर प्रदान की जाएगी, जो पोर्टफोलियो में डिफाल्ट से जुड़ी राशि का अधिकतम 50 प्रतिशत होगी।
- इस कोष के जरिए सबसे पहले सूक्ष्म और बधु इकाइयों को दिए गए 1,00,000 करोड़ रुपये से भी अधिक के ऋणों को गारंटी दिए जाने की आशा है।
- इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने मुद्रा लिमिटेड को सिडबी के पूर्ण स्वामित्व वाले एक सहायक निकाय ‘मुद्रा भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडनी) में तब्दील करने को भी अपनी मंजूरी दे दी।
- मुद्रा (सिडबी) बैंक पुनर्वित्त से जुड़े परिचालन कार्य पूरा करेगा और साथ ही सहायक सेवाएं प्रदान करेगा।
- गौरतलब है कि वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में क्रमशः 20,000 करोड़ रुपये के पुनर्वित्त कोष एवं 3,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ ‘मुद्रा बैंक’ और एक ‘ऋण गारंटी कोष’ की स्थापना प्रस्तावित की गई थी।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=134215
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=44095