नासा ने सबसे बड़े तथा अतिशक्तिशाली रॉकेट बूस्टर का परीक्षण किया

प्रश्न- स्पेस शटल मिशन की समाप्ति के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की नयी चर्चित अंतरिक्ष यान परियोजना का नाम है-
(a) एसएलएस (SLS)
(b) जीएलएस (GLS)
(c) एलईओ (LEO)
(d) पीएसएम (PSM)
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 11 मार्च, 2015 बुधवार को नासा द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के उताह प्रांत में एक सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट बूस्टर का सफल परीक्षण किया गया।
  • ज्ञातव्य हो कि यू.एस.ए. के अंतरिक्ष शटल कार्य के बंद होने के बाद से नासा के पास सुदूर अंतरिक्ष की यात्राओं के लिए शक्तिशाली अंतरिक्ष यान नहीं था।
  • अब नासा की नई परियोजना के तहत एस.एल.एस. (SLS) या स्पेस लांच सिस्टम के रूप में नये अंतरिक्ष यानों का निर्माण किया जा रहा है।
  • ये बड़े अंतरिक्ष यान गहन अंतरिक्ष में मानव युक्त अभियानों को ले जाने में सक्षम होंगे।
  • ऐसे अंतरिक्ष यानों को, पृथ्वी के गुरुत्व के विरुद्ध अंतरिक्ष की ओर उठाने के लिए शक्तिशाली तथा बहुत बड़े रॉकेट बूस्टरों की आवश्यकता होगी।
  • एसएलएस के लिए बूस्टर का यह पहला परीक्षण था। दूसरा परीक्षण वर्ष 2016 के प्रारंभ में किये जाने की संभावना है।
  • रॉकेट बूस्टर के दूसरे परीक्षण में भी सफल रहने पर इससे संबंधित सभी हार्डवेयर नासा के केनेडी स्पेश सेंटर फ्लोरिडा को एस.एल.एस. की प्रथम उड़ान में प्रयुक्त करने के लिए भेजे जायेंगे।
  • एस.एल.एस. की प्रथम परीक्षण उड़ान 70 मीट्रिक टन उठान क्षमता के लिए समायोजित की जाएगी और इस क्रम में यह मानव रहित ओरियन अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निम्नस्तरीय कक्षा के पार ले जायेगा।
  • बाद की उड़ानों में एस.एल.एस. की उठान क्षमता (Lift Capacity) अप्रत्याशित रूप से बढ़ाते हुए 130 मीट्रिक टन तक करके इस यान को गहन अंतरिक्ष यात्राओं के लिए भेजा जायेगा।
  • एस.एल.एस. परियोजना के एक पूर्ण विकसित अंतरिक्ष यान में पांच खंडों वाले दो शक्तिशाली रॉकेट बूस्टरों के साथ-साथ चार आर-एस-25 (RS-25) मुख्य इंजन लगे होंगे।

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.nasa.gov/content/test-firing-of-booster-for-nasas-new-rocket/
https://www.nasa.gov/press/2015/march/nasas-space-launch-system-booster-passes-major-ground-test/