महापत्तन प्राधिकरण विधेयक, 2016 में परिवर्तनों को मंजूरी

changes in the Major Port Authorities Bill 2016

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महापत्तन प्राधिकरण विधेयक, 2016 में परिवर्तनों को मंजूरी दी गई। इससे संबंधित विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह मंजूरी 8 फरवरी, 2018 को प्रदान की गई।
(b) पत्तन में प्राधिकरण में नियुक्त किए जाने वाले श्रम प्रतिनिधियों की संख्या एक से दो तक बढ़ाई गई है।
(c) पत्तन प्राधिकरण बोर्ड में सदस्यों की संख्या न्यूनतम दो और अधिकतम चार होगी।
(d) महापत्तन न्यास अधिनियम, 1963 के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति, जो न्यासीबोर्ड से ऐसी किसी तिथि से पूर्व कोई सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त कर रहा था, वह बोर्ड से ऐसे लाभ प्राप्त करता रहेगा।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 7 फरवरी, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा संसद में लंबित महापत्तनम प्राधिकरण विधेयक, 2016 में सरकारी संशोधनों को शामिल करने हेतु मंजूरी प्रदान की गई।
  • यह संशोधन विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों पर आधारित है।
  • महापत्तनम प्राधिकरण विधेयक, 2016 में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं-
    1. पत्तन में सेवारत कर्मचारियों में से पत्तन प्राधिकरण बोर्ड में नियुक्त किए जाने वाले श्रम प्रतिनिधियों की संख्या एक से दो तक बढ़ाई गई है।
    2. कर्मचारियों का हितैषी प्रतिनिधि सदस्य 3 वर्ष के एक कार्यकाल हेतु पद पर बना रहेगा और सतत दो बार से अधिक अवधि के लिए नहीं होगा।
    3. बोर्ड में उसकी सदस्यता उसकी सेवानिवृत्ति के साथ ही समाप्त हो जाएगी।
    4. पत्तन प्राधिकरण बोर्ड में स्वतंत्र सदस्यों की संख्या न्यूनतम दो और अधिकतम चार होगी।
    5. महापत्तन न्यास अधिनियम, 1963 के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति, जो न्यासी बोर्ड से ऐसी किसी तिथि से पूर्व कोई सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त कर रहा था, वह बोर्ड से ऐसे लाभ प्राप्त करता रहेगा।
    6. प्रत्येक महापत्तनम का बोर्ड किसी विकास अथवा पत्तन सीमाओं के अंतर्गत और उससे संबंधित भूमि पर बनी अवसंरचना और स्थापित की जाने वाली अवसंरचना के संबंध में विशिष्ट मास्टर प्लान निर्मित करने हेतु वैध है और मास्टर प्लान पर किसी स्थानीय अथवा राज्य सरकार के किसी प्राधिकरण, जो भी हों, के विनिमय लागू नहीं होंगे।
    7. पीपीपी परियोजनाओं हेतु अधिनियम के लागू होने के पश्चात रियायत प्राप्तकर्त्ता बाजार की शर्तों पर प्रशुल्क निर्धारित करने हेतु स्वतंत्र होगा।
    8. आकस्मिक बोर्ड के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों की तैनाती चयन समिति की सिफारिशों पर केंद्र सरकार करती है और केंद्र को इन्हें हटाने का भी अधिकार प्राप्त है।
    9. निरस्त और सेविंग के अंतर्गत एक सेविंग फंड रखा गया है जिससे बंबई पत्तन न्यास अधिनियम, 1879 और कोलकाता पत्तन न्यास अधिनियम, 1890 के अंतर्गत संपत्ति के म्युनिसिपल आकलन के संबंध में मुंबई तथा कोलकाता पत्तन द्वारा प्राप्त मौजूदा लाभ जारी रहेगा।

संबंधित लिंक
http://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1519585