प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय न्यास के अध्यक्ष के सदस्यों के कार्यकाल को निश्चित करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इस प्रस्ताव के तहत इनका कार्यकाल होगा-
(a) 2 वर्ष
(b) 3 वर्ष
(c) 4 वर्ष
(d) 5 वर्ष
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 10 जनवरी, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु-विकलांगता अधिनियम, 1999 के तहत 3 वर्षों हेतु राष्ट्रीय न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल तय करने के साथ व्यक्ति के कल्याण के लिए नेशनल ट्रस्ट की धारा 4 (1) और 5 (1) में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
- राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1995 की धारा 4 (1) में प्रावधान है कि राष्ट्रीय न्यास के अध्यक्ष या बोर्ड का कोई एक सदस्य ऐसी स्थिति में जब तक कि विधिवत रूप से उनके उतराधिकारी नियुक्त नहीं किए जाते हैं तब तक की समयावधि के लिए तीन वर्ष की निर्धारित अवधि के बाद भी अपने पदों पर बने रहेंगे।
- न्यास के अध्यक्ष के त्यागपत्र के संदर्भ में अधिनियम की धारा 5(1) में निहित प्रावधान के अनुसार सरकार द्वारा विधिवत रूप से उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति किए जाने तक वे पद पर बने रहेंगे।
- वर्तमान स्वरूप में अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों की शब्दावली के कारण अध्यक्ष अनिश्चित अवधि के लिए अपने पदों पर बने रहते हैं क्योंकि चयन के लिए समय पर उपयुक्त अधिकारी का चयन नहीं हो पाता।
- अधिनियम के इन प्रावधानों में प्रस्तावित संशोधन ऐसी स्थिति को टालेगा और किसी पदस्थ द्वारा उसी पद पर निरंतर बने रहने के किसी अवसर को समाप्त करेगा।
- राष्ट्रीय न्यास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात, मानसिक मंदता और बहु-निःशक्तता ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याण हेतु (1999 के अधिनियम 44) के तहत की गई है।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=175507
http://www.pmindia.gov.in/hi/news_updates/%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B2-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF-2/
http://www.thenationaltrust.gov.in/contenthi/innerpage/introduction-hi.php