प्रश्न-हाल ही में किफायती आवास क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने हेतु नई सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) नीति की घोषणा की गई। इसमें शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निजी भूमि पर किफायती आवासों का निर्माण करने पर केंद्रीय सहायता के रूप में एकमुश्त भुगतान बैंक ऋणों पर ब्याज मद कितनी राशि की सब्सिडी मिलेगी?
(a) 1.50 लाख रुपये
(b) 2.00 लाख रुपये
(c) 2.50 लाख रुपये
(d) 3.50 लाख रुपये
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 21 सितंबर, 2017 को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना को सफल बनाने तथा किफायती आवास क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने हेतु नई सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) नीति की घोषणा मुंबई में की गई।
- इस नीति का उद्देश्य सरकार, डेवलपर्स और वित्तीय संस्थानों के समक्ष मौजूदा जोखिमों को उन लोगों को सुपुर्द करना है, जो उनका प्रबंधन बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
- इस नीति के तहत वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अल्प प्रयुक्त एवं अप्रयुक्त निजी और सार्वजनिक भूमि का भी उपयोग किया जा सकता है।
- नई नीति के अंतर्गत निजी भूमि पर किफायती आवास योजनाओं के लिए दो पीपीपी मॉडल निर्धारित किए गए हैं।
- इसके लिए शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निजी भूमि पर किफायती आवासों का निर्माण पर केंद्रीय सहायता के रूप में एकमुश्त भुगतान बैंक ऋणों पर ब्याज मद में 2.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी।
- दूसरे मॉडल के तहत यदि लाभार्थी बैंक से ऋण नहीं लेना चाहता है तो निजी भूमि पर बनने वाले प्रत्येक मकान पर उसे केंद्रीय सहायता के रूप में 1.50 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
- राज्यों, प्रमोटर निकायों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात इस नीति के तहत 8 पीपीपी विकल्प तैयार किए गए हैं।
- जिनमें से छह विकल्प सरकारी भूमि का उपयोग करते हुए निजी निवेश के माध्यम से किफायती आवास को बढ़ावा देने से संबंधित है।
- सरकारी भूमि के उपयोग वाले छह मॉडलों में डीबीटी मॉडल, क्रॉस सब्सिडी वाले आवास का मिश्रित विकास, वार्षिकी आधारित रियायती आवास, वार्षिक सह-पूंजी अनुदान आधारित किफायती आवास, प्रत्यक्ष संबंध स्वामित्व वाले आवास और प्रत्यक्ष संबंध किराया वाले आवास शामिल हैं।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=170988
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=67247