भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला

प्रश्न- हाल ही में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला किस बैंक में उजागर हुआ?
(a) पंजाब नेशनल बैंक
(b) भारतीय स्टेट बैंक
(c) केनरा बैंक
(d) बैंक ऑफ बड़ौदा
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • फरवरी, 2018 में भारतीय मीडिया जगत में सबसे ब़डे बैंकिंग घोटाले की खबर सार्वजनिक हुई।
  • यह घोटाला पंजाब नेशनल बैंक में हुआ। जो लगभग 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि का घोटाला है।
  • इसमें ‘फायर स्टार डायमंड कंपनी’ एवं ‘नीरव मोदी डायमंड’ की संलिप्तता पाई गई है।
  • ध्यातव्य है कि इन कंपनियों के मुखिया नीरव मोदी 2017 में ‘फोर्ब्स’ की सूची में 85वें सबसे धनी भारतीय थे।
  • घोटाले का केंद्र पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी शाखा है।
  • तात्कालिक कार्रवाई के तहत संबंधित कंपनी के शोरूमों को सील कर दिया गया और लगभग 5100 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई जिसका आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। इस मामले में 10 कर्मचारी निलंबित किए गए।
  • इस मामले में आरोपी रिटायर्ड बैंक अधिकारी गोकुल शेट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि नीरव मोदी समेत दूसरा प्रमुख आरोपी (मेछुल चीनूभाई चौकसी) फरार है।
  • उजागर तिथि-बैंक ने अधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि घोटाला 3 जनवरी, 2018 को उजागर हुआ जबकि यह 2011 से ही चल रहा था।
  • घोटाला पीएनबी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जाली ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ (एलवोयू) जारी कर अंजाम दिया गया।
  • ये एलओयू हीरा आयात करने का ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ हासिल करने के लिए जारी किया गया।
  • ध्यातव्य है कि ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ के जरिए बैंक किसी ग्राहक की गारंटी देता है। LoU के आधार पर दूसरे बैंक पैसा देते हैं। जबकि खाताधारक के डिफॉल्टर होने पर LoU देने वाला बैंक दूसरे बैंक का बकाया चुकाता है।
  • लेटर ऑफ अंडरटेकिंग-पीएनबी घोटाले में आधारभूत तत्व यही है जो बैंकों में प्रचलित है और आमतौर पर प्रयुक्त होता है।
  • भारत में जो देश के बाहर से सामान आयात करता है उसे देश के बाहर जो निर्यातकर्ता है उसको पैसे चुकाने होते हैं।
  • इसके लिए आयातकर्ता के पास धन नहीं है या किसी और कारण से वो क्रेडिट पीरियड या उधार के समय का लाभ उठाना चाहता है तो बैंक आयातकर्ता के लिए विदेश में मौजूद किसी बैंक को-‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ दे देता है।
  • इसमें लिखा होता है कि आम निर्यातकर्ता को किसी निश्चित काम के लिए या किए गए आयात के लिए एक निश्चित अदायगी संपादित करेंगे।
  • व्यवसायी के लिए बैंक वादा करता है कि वो एक साल बाद (निश्चित तारीख को) ब्याज सहित उस बैंक को दिए गए पैसे चुका देगा।
  • स्विफ्ट सिस्टम (Worldwide Interbank Finacial Telecommunication)-घोटाले में जो नकली/फर्जी एलओयू जारी किए गए वो स्विफ्ट सिस्टम से ही जारी किए गए।
  • ध्यातव्य है कि स्विफ्ट सिस्टम एक अंतरराष्ट्रीय कम्यूनिकेशन सिस्टम होता है और दुनियाभर के सभी बैंकों को आपस में जोड़ता है।
  • स्विफ्ट सिस्टम से जो संदेश जाते हैं वो उत्कृष्ट तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए कोड में भेजे जाते हैं।
  • एलओयू भेजना, खोलना और उसमें बदलाव करने का काम इसी सिस्टम के जरिए किया जाता है।
  • इसी कारण स्विफ्ट सिस्टम से प्राप्त संदेश पर संदेश प्राप्तकर्ता बैंक संदेह नहीं करता और इसे आधिकारिक संदेश मानता है।
  • कोर-बैंकिंग में पहले एलओयू बनाया जाता है फिर वो स्विफ्ट के मैसेज से चला जाता है और इस कारण कोर बैंकिंग में एक कॉन्ट्रा एंट्री बन जाती है कि अमुक दिन बैंक ने अमुक राशि का कर्ज देने को मंजूरी दी है।
  • ध्यातव्य है कि ‘पीएनबी घोटाले में स्विफ्ट सिस्टम, कोर बैंकिंग से जुड़ा नहीं प्रतीत होता।
  • क्योंकि ऐसा होने पर मामले को पहले ही उजागर किया जा सकता था।
  • पीएनबी पर असर-घोटाले में शामिल कंपनी के संपत्ति जब्तीकरण से जो उगाही होगी वो पीएनबी को मिलेगी।
  • परंतु ऐसा न हो पाने की स्थिति में घोटाले की रकम एनपीए अर्थात नॉन परफॉर्मिंग एस्सैट में तब्दील हो जाएगी। अर्थात बैंक का नुकसान होगा।
  • हाल ही में रोटोमैक कंपनी के संस्थापक विक्रम कोठारी व अन्य के खिलाफ भी ‘बैंक ऑफ बड़ौदा’ ने लगभग 3700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस किया है।
  • बैंक ने मुख्य आरोपी के तौर पर विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और उनके लड़के राहुल कोठारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

संबंधित लिंक
http://www.thehindu.com/business/markets/pnb-shares-fall-after-bank-finds-fraudulent-transactions-worth-177-billion/article22749241.ece
https://www.forbes.com/profile/nirav-modi/
http://www.bbc.com/hindi/india-43054272
http://www.firstpost.com/business/rotomac-bank-fraud-cbi-files-fir-against-promoter-vikram-kothari-in-scam-worth-rs-3695-cr-4358331.html